रेगिस्तान में जीवन

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रेगिस्तान के बारें में : रेगिस्तान को हम सरल भाषा में समझे तो मरुस्थल या रेगिस्तान एक बंजर क्षेत्र होता है जहां कम वर्षा होती है। इसका मतलब ये हुआ की यहां केवल वही पौधे पनप सकते हैं जिनमें जल संचय करने की अथवा धरती के बहुत नीचे से जल प्राप्त करने की अदभुत क्षमता हो।

यह पाठ रेगिस्तान के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। इसके मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

  1. रेगिस्तान की परिभाषा:

    • रेगिस्तान एक बंजर क्षेत्र होता है जहाँ वर्षा बहुत कम होती है।

    • यहाँ केवल वही पौधे पनप सकते हैं जिनमें जल संचय करने की या धरती के बहुत नीचे से जल प्राप्त करने की क्षमता हो।

  2. रेगिस्तान का निर्माण:

    • रेगिस्तान का निर्माण अपक्षय प्रक्रियाओं (weathering processes) द्वारा होता है।

    • दिन और रात के बीच तापमान में बड़े बदलाव चट्टानों पर तनाव डालते हैं, जिससे वे टुकड़े-टुकड़े हो जाती हैं।

    • कभी-कभी होने वाली वर्षा अचानक बाढ़ ला सकती है।

  3. रेगिस्तान के प्रकार:
    पाठ में छह मुख्य प्रकार के रेगिस्तानों का उल्लेख है:

    • पर्वतीय और द्रोणी (बेसिन) रेगिस्तान

    • शैली (हैमाडा) रेगिस्तान (पठार जैसी स्थलाकृति वाला)

    • रेग्स (चट्टानी क्षेत्र)

    • अर्गस (रेत के अथाह समुद्र से निर्मित)

    • अंतरापर्वतीय द्रोणियां (इंटरमाउंटेन बेसिन)

    • उत्खात भूमि (बैडलेंड)

  4. रेगिस्तान में जीवन:

    • रेगिस्तान में जीवन अत्यंत कठोर है, जहाँ जल, आहार का अभाव और उच्च तापमान प्रमुख चुनौतियाँ हैं।

    • इतनी विषम परिस्थितियों के बावजूद, जीवों की अनेक प्रजातियाँ यहाँ जीवित रहती हैं क्योंकि उन्होंने वातावरण के अनुसार सुरक्षात्मक क्रियाविधियाँ विकसित कर ली हैं।

    • दिन के समय रेगिस्तान निर्जन लगते हैं, लेकिन रात के अंधेरे में विभिन्न जीव अपने सुरक्षित आवासों से बाहर निकलकर इसे जीवंत बना देते हैं।

    • कुछ जीव (विशेषकर स्तनधारी और सरीसृप) “सान्ध्य जीव” होते हैं, जो केवल भोर और अंधेरे में ही सक्रिय होते हैं।

    • अनेक रेगिस्तानी जंतु छोटे होते हैं और धरती में बिल बनाकर या पेड़-पौधों की पत्तियों में छिप जाते हैं, रात में आहार के लिए बाहर निकलते हैं।

    • बड़े पशु (जैसे कंगारू, खरगोश, लोमड़ी, बेडगर, कोयोट, स्कंक) और सरीसृप (जैसे गिरगिट, छिपकली, सर्प) तथा पक्षी (जैसे उल्लू, कैलिफोर्निया थ्रेशर) भी बिलों या खोहों में रहते हैं।

यह पाठ रेगिस्तान की भौगोलिक संरचना, निर्माण प्रक्रिया, प्रकार और वहाँ के चुनौतीपूर्ण जीवन तथा जीवों के अनुकूलन के बारे में एक अच्छी जानकारी देता है।

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