यह लेख प्रकाश की विभिन्न घटनाओं का विस्तृत वर्णन करता है, जिसमें वर्ण विक्षेपण, व्यतिकरण, ध्रुवण, विवर्तन, और प्रकीर्णन शामिल हैं।
-
वर्ण विक्षेपण (Dispersion): जब श्वेत प्रकाश (जैसे सूर्य का प्रकाश) एक प्रिज्म से गुजरता है, तो वह अपने सात संघटक रंगों (बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल – VIBGYOR) में विभाजित हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रत्येक रंग की तरंगदैर्ध्य (wavelength) अलग होती है, जिससे काँच में उनकी गति और अपवर्तनांक भी भिन्न होता है। बैंगनी रंग सबसे अधिक विचलित होता है और लाल रंग सबसे कम।
-
इंद्रधनुष (Rainbow): यह वर्ण विक्षेपण का एक प्राकृतिक उदाहरण है, जो पानी की बूंदों द्वारा प्रकाश के परावर्तन, पूर्ण आंतरिक परावर्तन और अपवर्तन के कारण बनता है।
-
रंग (Colours): लेख में प्राथमिक (लाल, हरा, नीला), द्वितीयक (पीला, मैजेंटा, सियान) और पूरक रंगों की व्याख्या की गई है। यह भी बताया गया है कि वस्तुओं का रंग उनके द्वारा परावर्तित किए जाने वाले प्रकाश पर निर्भर करता है। जो वस्तु सभी रंगों को परावर्तित करती है वह सफेद दिखती है, और जो सभी को अवशोषित कर लेती है वह काली दिखती है।
-
व्यतिकरण (Interference): जब समान आवृत्ति की दो प्रकाश तरंगें एक साथ एक ही दिशा में चलती हैं, तो वे एक-दूसरे पर अध्यारोपित हो जाती हैं, जिससे कहीं तीव्रता बढ़ जाती है (सम्पोषी) और कहीं घट जाती है (विनाशी)। साबुन के बुलबुले और पानी पर तेल की परत का रंगीन दिखना इसके उदाहरण हैं।
-
ध्रुवण (Polarisation): यह घटना साबित करती है कि प्रकाश एक अनुप्रस्थ तरंग (transverse wave) है। इसमें प्रकाश तरंगों के कंपनों को एक ही तल में सीमित कर दिया जाता है। पोलरॉइड का उपयोग चकाचौंध कम करने वाले चश्मों, 3D फिल्मों और फोटोग्राफी में किया जाता है।
-
विवर्तन (Diffraction): जब प्रकाश किसी बहुत छोटे अवरोध के किनारों से गुजरता है, तो वह थोड़ा मुड़ जाता है। यह घटना प्रकाश की तरंग प्रकृति की पुष्टि करती है।
-
प्रकीर्णन (Scattering): जब प्रकाश धूल जैसे सूक्ष्म कणों से टकराता है, तो वह सभी दिशाओं में फैल जाता है। छोटी तरंगदैर्ध्य (नीला, बैंगनी) का प्रकाश अधिक फैलता है और लंबी तरंगदैर्ध्य (लाल) का प्रकाश कम। इसी कारण आकाश नीला और सूर्योदय/सूर्यास्त के समय सूर्य लाल दिखाई देता है।