जीवाणु (बैक्टीरिया) से होने वाले प्रमुख रोग

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मनुष्य का शरीर अनगिनत जीवाणुओं का घर है, जिनमें से कुछ फायदेमंद होते हैं तो कुछ विभिन्न रोगों का कारण बनते हैं। जीवाणु जिन्हें बैक्टीरिया भी कहा जाता है, एककोशिकीय जीव होते हैं जो हर जगह मौजूद हैं।यहाँ जीवाणुओं से होने वाले कुछ प्रमुख रोगों, उनके लक्षणों और प्रभावित अंगों की सूची दी गई है:

जीवाणु (बैक्टीरिया) से होने वाले प्रमुख रोग:

रोग का नाम रोगाणु का नाम प्रभावित अंग लक्षण
हैजा (Cholera) विब्रियो कोलेरी (Vibrio cholerae) पाचन तंत्र, आंत[ उल्टी व दस्त, शरीर में ऐंठन एवं पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)
टी. बी. (Tuberculosis) माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस (Mycobacterium tuberculosis) फेफड़े[ खांसी, बुखार, छाती में दर्द, मुँह से रक्त आना।
कुकुरखांसी (Whooping Cough) बोर्डेटेला परटूसिस (Bordetella pertussis) श्वसन तंत्र, फेफड़ा बार-बार तेज खांसी आना।
न्यूमोनिया (Pneumonia) स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनियाई (Streptococcus pneumoniae) / हीमोफिलस इन्फ्लुएंजी (Haemophilus influenzae) फेफड़े छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी, तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन।
टाइफाइड (Typhoid) साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) आंत[ तेज बुखार, पेट में दर्द, कब्ज या दस्त।
टिटेनस (Tetanus) क्लोस्ट्रीडियम टेटानि (Clostridium tetani) तंत्रिका तंत्र, मेरुरज्जु मांसपेशियों में संकुचन, शरीर का अकड़ना।
डिप्थीरिया (Diphtheria) कोरीनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया (Corynebacterium diphtheriae) गला, श्वास नली गले में खराश, बुखार, सूजी हुई ग्रंथियां।
प्लेग (Plague) यर्सिनिया पेस्टिस (Yersinia pestis) लिम्फ ग्रंथियां, फेफड़े तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, गिल्टियों का निकलना
कोढ़/कुष्ठ रोग (Leprosy) माइक्रोबैक्टीरियम लेप्री (Mycobacterium leprae) तंत्रिका तंत्र, त्वचा त्वचा पर दाग, अंगुलियों का कटना और गिरना।
मेनिनजाइटिस (Meningitis) विभिन्न बैक्टीरिया (जैसे – नीसेरिया मेनिंगिटिडिस, स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया) मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की झिल्लियां तेज बुखार, सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी
सुजाक (Gonorrhoea) नाइसेरिया गोनोरी (Neisseria gonorrhoeae) प्रजनन अंग, मूत्रमार्ग मूत्र त्याग में परेशानी, जननांगों में सूजन और घाव।
सिफलिस (Syphilis) ट्रिपोनेमा पैलिडम (Treponema pallidum) प्रजनन अंग, तंत्रिका तंत्र जननांगों पर घाव, त्वचा पर चकत्ते।
स्कार्लेट ज्वर (Scarlet Fever) स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया (Streptococcus bacteria) त्वचा, गला लाल चकत्ते, गले में खराश, तेज बुखार।

कुछ अन्य जीवाणु संक्रमण:

  • ब्रोंकाइटिस (Bronchitis): यह अक्सर वायरल होता है, लेकिन बैक्टीरियल संक्रमण भी इसका कारण हो सकता है। यह श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे छाती में दर्द और सांस लेने में परेशानी होती है।

  • प्लूरिसी (Pleurisy): इसमें फेफड़ों के आसपास की झिल्लियों में सूजन आ जाती है। यह भी वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण हो सकता है, जिसके लक्षणों में छाती में दर्द, बुखार और सांस लेने में तकलीफ शामिल है।

  • ट्रेकोमा (Trachoma): यह क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस (Chlamydia trachomatis) नामक जीवाणु के कारण होने वाला आंखों का संक्रमण है, जो अंधेपन का एक प्रमुख कारण है। इसके लक्षणों में आंखों में दर्द और किरकिरापन महसूस होना शामिल है।

  • एंथ्रेक्स (Anthrax): यह बेसिलस एन्थ्रेसिस (Bacillus anthracis) नामक जीवाणु से होता है और त्वचा, फेफड़ों या आंतों को प्रभावित कर सकता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन्फ्लूएंजा (फ्लू) एक वायरल संक्रमण है, न कि बैक्टीरियल। मेनिनजाइटिस वायरल, बैक्टीरियल और फंगल संक्रमणों के कारण हो सकता है, लेकिन बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस सबसे गंभीर रूप है।

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